चट्टानें, कंकड़ और रेत

चट्टानें, कंकड़ और रेत…
एक बार एक प्रोफेसर कांच के जार, पत्थर, कंकड़ और रेत के साथ कक्षा में दाखिल हुए। छात्र यह देखकर आश्चर्यचकित थे कि वह क्या कर रहा है। सबसे पहले, उसने चट्टान के हिस्सों को जार में भरना शुरू किया जब तक कि वह और नहीं जोड़ सका।
उन्होंने छात्रों से पूछा कि क्या जार भर गया है और सभी ने हाँ में सिर हिलाया। फिर उसने कंकड़ को जार के अंदर डालना शुरू कर दिया, जो छोटी-छोटी जगहों से अंदर चला गया और उसने जार को हिलाया ताकि कंकड़ चट्टानों के बीच खाली जगहों में चले जाएं।
उन्होंने छात्रों से वही प्रश्न पूछा और उन्होंने फिर कहा कि जार भरा हुआ है। अंत में, उसने जार के अंदर रेत डाली जो थोड़े-थोड़े अंतराल में जार में भर गई।
प्रोफेसर ने समझाया कि इसी तरह आपको जीवन में प्राथमिकताएं तय करनी चाहिए। चट्टान आपके परिवार की तरह है, जबकि कंकड़ आपके करियर की तरह हैं जबकि रेत जीवन में सबसे कम प्राथमिकताओं और अनावश्यक झगड़े और अहंकार की तरह है।
यदि आप जार पर पहले रेत डालेंगे तो यह आसानी से भर जाएगा और चट्टानों तथा कंकड़ के लिए कोई जगह नहीं बचेगी।
शिक्षा: आपको जीवन में अपनी प्राथमिकताओं को पहचानना चाहिए और जीवन के अनावश्यक पहलुओं पर अपना समय और प्रयास बर्बाद करने के बजाय उन्हें पूरा करने की दिशा में काम करने के लिए एक अच्छी रणनीति विकसित करनी चाहिए।
यह कहानी एक गहरी समझ और महत्वपूर्ण संदेश के साथ प्रस्तुत करती है। जीवन में हमारी प्राथमिकताएं स्पष्ट करना आवश्यक होता है, ताकि हम अपने उद्देश्यों की ओर अपना ध्यान केंद्रित कर सकें। यह हमें उस आवश्यक और महत्वपूर्ण काम के लिए संसाधनों का उपयोग करने में सहायता करता है, जो हमें अपने उद्देश्यों की प्राप्ति में मदद करते हैं।
इस कहानी में, चट्टानें परिवार की प्राथमिकताओं को प्रदर्शित करती हैं। चट्टानें हमारी मूलभूत संरचना होती हैं, जिन्हें हमेशा महत्वपूर्ण समझना चाहिए। हमें अपने परिवार के साथ समय बिताने और उनका समर्थन करने की प्राथमिकता देनी चाहिए।
कंकड़ करियर को प्रदर्शित करते हैं। यह हमारे पेशेवर और आर्थिक विकास के साथ जुड़ा होता है। हमें अपने लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए अपनी करियर को महत्वपूर्ण बनाना चाहिए और उसमें अवसरों को पहचानने और उठाने के लिए प्रयास करना चाहिए।
जबकि रेत अनावश्यक झगड़ों और अहंकार को दर्शाती है। रेत हमारे जीवन में छोटी-छोटी परेशानियों और अनावश्यक तनाव का प्रतीक हो सकती है। हमें अपने जीवन में यह पहचानना चाहिए कि कौन सी बातें हमारी प्राथमिकता नहीं हैं और हमें इन तकनीकियों के लिए अपना समय और शक्ति व्यय नहीं करनी चाहिए।
इस कहानी के माध्यम से, हमें यह समझाया जाता है कि हमें अपने जीवन में अपनी प्राथमिकताओं को समझने के लिए समय निकालना चाहिए और उन्हें प्राप्त करने के लिए आवश्यक नीतियों और योजनाओं का उपयोग करना चाहिए। हमें अनावश्यक विवादों और अहंकार से दूर रहना चाहिए ताकि हम अपने उद्देश्यों की ओर प्रगति कर सकें।
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